पैगंबर जीसस के चार जन्मदिन

जीसस कब जन्मे थे – 25 दिसंबर, 6 जनवरी, 7 जनवरी या 19 जनवरी। ईसाई परंपरा में ज्यादातर लोग यही मानते हैं कि जीसस अर्थात ईसा मसीह का जन्म 25 दिसंबर को हुआ था। हालांकि यह एक मान्यता ही है। जीसस का वास्तविक जन्मदिन किसी को नहीं पता। ईसाई धर्म में ग्रेगोरियन कलेंडर के हिसाब से जीसस का जन्म 25 दिसंबर को माना जाता है, लेकिन जूलियन कलेंडर के अनुसार जीसस का जन्म 7 जनवरी को हुआ था। अर्मेनियन चर्च में 6 जनवरी को मान्यता मिली है, तो सेंट जेम्स-येरुसलम से जुड़े कुछ चर्च 19 जनवरी को जीसस का जन्मदिन मनाते हैं।
जीसस का जन्मदिन धूृमधाम से मनाने की परंपरा बाद में पड़ी है। कुछ लोग यह भी मानते हैं कि जिस दिन जीसस का जन्म हुआ था, उसी दिन उनको क्रूसीफाई भी किया गया था। ईसाई परंपरा में जीसस के बारे में स्पष्ट सूचनाएं कम मिलती हैं। फिर भी इसमें कोई शक नहीं कि जीसस का जन्मदिन लगभग पूरी दुनिया में 25 दिसंबर को मनाया जाता है और इसी दिन की सर्वाधिक मान्यता है। लगभग आधी दुनिया में क्रिसमस छुट्टी का दिन है।

पहली बार कब मनाया गया क्रिसमस

यह स्पष्ट है कि पहली बार क्रिसमस वर्ष 336 में रोम में मनाया गया था। पहले केवल धर्मसभाएं या मास का आयोजन होता था। लोग एक दूसरे को बधाई देते थे, लेकिन धीरे धीरे यह उत्सव में बदलने लगा और मध्ययुग में तो इसका स्वरूप ही बिगड़ गया। लोगों ने इसे खाने-पीने मौज करने का अवसर समझ लिया। बताते हैं कि 17वीं सदी में एक समय ऐसा भी आया, जब क्रिसमस के आयोजन पर पवित्रता के पक्षधर संतों ने प्रतिबंध लगा दिया। हालांकि कुछ ही वर्ष बाद इसकी सही स्वरूप की वापसी हुई। बाजारवाद के दौर में विगत दशकों में यह कई जगहों पर फिर पार्टीबाजी की प्रधानता का मौका बनता जा रहा है। ईसाई धर्म में वाइन पर प्रतिबंध नहीं है, ईसा मसीह ने भी इसका प्रयोग किया था, लेकिन नशाखोरी का विरोध संत हमेशा करते रहे हैं। आज भी पवित्रता के पक्षधर संत हैं, जो प्रार्थना में ही समय बिताते हैं।

क्रिसमस का क्या है मतलब?

एक्समस या क्रिस्टमस या क्रिसमस शब्द बहुत पुराना नहीं है। ईस्वी वर्ष 1131 तक इसे क्रिस्टेस मेस्से कहा जाता था। उसके बाद वर्ष 1138 में सुधार हुआ – क्रिस्टेमासे शब्द उपयोग में आया। इसके बहुत बाद में क्रिसमस शब्द का उपयोग शुरू हुआ। क्रिसमस का अर्थ है – क्रिस्ट का मास। क्रिस्ट का अर्थ मसीहा है। मास का अर्थ है धर्मसभा या प्रार्थनासभ या सत्संग। अर्थात क्रिसमस का अर्थ हुआ मसीहा की धर्मसभा। मसीहा मतलब जीसस मतलब ईसा मसीह। वही देवपुत्र जिनका जन्म अस्तबल में हुआ था। वही देवपुत्र जिनकी माता मैरी थीं, जो जीसस के जन्म के समय कुंवारी थीं। ईश्वर ने उनके गर्भ से अवतार लिया था। देवदूत जिब्रेल ने उनके अवतार की सूचना दे दी थी, उनके घोषित-सांसारिक पिता संत जोसेफ थे।

क्रिसमस और बॉक्सिंग डे

क्रिसमस 25 दिसंबर को हंसी-खुशी, उपहार के आदान-प्रदान, घर-द्वार की सजावट, अच्छे खान-पान, पहनावे के साथ मनाया जाता है और ठीक उसके दूसरे दिन 26 दिसंबर को बॉक्सिंग डे मनाया जाता है। यहां बॉक्सिंग का अर्थ कतई मुक्केबाजी नहीं है। दरअसल इस दिन अपने सेवकों को, अपने पर निर्भर मजदूरों को, पोस्ट मैन व अन्य सहायकों को क्रिसमस बॉक्स देने की परंपरा है। बॉक्स में कोई न कोई उपहार होता है। क्रिसमस बॉक्स अपने सेवकों-सहायकों के प्रति आभार जताने का अवसर है। हालांकि ब्रिटेन से जुड़े देशों में ही यह ज्यादा धूमधाम से मनाया जाता है। बाकी देशों में उपहार का आदान-प्रदान क्रिसमस के दिन ही हो जाता है।

सांता क्लॉज कौन है ?

सांता क्लॉज एक काल्पनिक उत्सवी चरित्र है। ईसाई धर्म में ही ऐसे अनेक संत हुए हैं, जिनको उपहार देने के लिए जाना जाता है। इन्हीं में से एक संत निकोलस भी हुए हैं। इन्हीं संत निकोलस पर एक अमरीकी कवि सी.सी. मूरे ने कविता लिखी थी –  ए विजिट। इस कविता ( वर्ष 1823) से सांता क्लॉज की एक छवि अमरीकी और कनाडा के समाज में चर्चित हुई। फिर 1881 में थॉमस नास्ट नाम के एक कार्टूनिस्ट व कैरीकेचर निर्माता ने सांता क्लॉज का एक चित्र उकेरा। यह चित्र बहुत तेजी से प्रसिद्ध हुआ। धीरे-धीरे पूरी दुनिया में यह छवि फैल गई। बाजार ने भी इसको महत्व दिया, क्योंकि इस छवि या धार्मिक मिथक के साथ उपहारों की खरीद-बिक्री जुड़ी थी।
25 दिसंबर को क्रिसमस की पूर्व संध्या यानी 24 दिसंबर की शाम से 25 दिसंबर की सुबह होने तक सांता क्लॉज द्वारा विशेष रूप से बच्चों को गिफ्ट बांटने के लिए जाना जाता है। यह पके बाल, पकी दाढ़ी वाले, चश्मा पहनने वाले बूढ़े लाल चोला धारी संत उपहारों से लैस अपने रथ में आकाश मार्ग से निकलते हैं। बच्चों वाले घरों की छत पर रुकते हैं और रसोईघर की चिमनी के सहारे घर के अंदर उतरते हैं, बच्चों के सिरहाने या पास उपहार रखते हैं और फिर चिमनी के सहारे निकल जाते हैं, दूसरे बच्चों को उपहार देने के लिए। शुभकामना देते हुए – हैपी क्रिसमस टु यू ऑल…

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