हज की शुरुआत
Friday, 09 अगस्त 2019
हर एक मुसलमान का एक सपना होता है कि एक बार हज कर आए। हज अर्थात इस्लाम में सर्वोच्च धार्मिक कृत्य। कहते हैं कि पांच वक्त की नमाज घर और आस पड़ोस के लोगों के साथ के लिए है। शुक्रवार-जुम्मे की नमाज अपने क्षेत्र, कॉलोनी इत्यादि के लोगों के लिए है, ईद की नमाज पूरा शहर साथ पढ़ता है और हज पूरे दुनिया के मुसलमान एक जगह जुटकर करते हैं।
हज का शाब्दिक अर्थ… Read More…ClickHere
हज के दौरान विशेष अल्लाह के लिए प्रार्थनाएं होती हैं। यहां पहुंचकर हाजी को अपने साधारण वस्त्र…Read More…Click Here
दुनिया भर में विभिन्न संस्कृतियों के बीच बसे मुसलमानों के बीच सारे भेद …Read More ClickHere..
Tuesday, 29 Aug 2017 राधाष्टमी – राधा जी की जयंती
बताओ कान्हा कब आओगे?
राधे-कृष्ण, राधा-कृष्ण… प्रेम का महान प्रभाव देखिए कि देवी राधा जी का नाम देव श्रीकृष्ण से पहले लिया जाता है। श्रीकृष्ण तो प्रकाण्ड ज्ञानी व साक्षात परमब्रह्म भगवान थे, किन्तु उन्होंने अपनी बालस्थली ब्रज Read More….
क्या राधा का प्यार हार गया?
प्रेम कभी हार नहीं मानता, जैसे राधा की हार नहीं हुई। उनके नाम से आज भी संप्रदाय चल रहे हैं। कृष्ण जन्मभूमि Read More….
कृष्ण ने राधा से विवाह क्यों नहीं किया?
कृष्ण ने विधिवत 8 विवाह किए थे, किन्तु उन्होंने राधा जी से विवाह नहीं किया। इसके लिए कृष्ण की Read More….
क्या फिर कभी मिले राधा और कृष्ण?
एक ग्रंथ में उल्लेख मिलता है कि महाभारत के समय नंदबाबा के साथ राधा कुरुक्षेत्र Read More….
क्यों ज्ञान से बड़ा है प्रेम?
ज्ञान तो तर्क और तथ्य से बदलता रहता है, लेकिन निश्छल प्रेम कभी नहीं बदलता। प्रेम का जो आवेगRead More….
राधा का संदेश क्या है?
प्रेम से बड़ा कोई गुण नहीं। ज्ञान से अहंकार Read More….
ऋषिपंचमी : ऋषियों की पूजा का पर्व
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हम मनुष्यों पर ऋषियों का बड़ा ऋण है। उन्होंने हमें ज्ञान दिया। ज्ञान की आधारशिला रखी। ऋषिपंचमी विशेष रूप से सात ऋषियों की पूजा का पर्व है। पाप मुक्ति के लिए हिन्दुओं में इस पर्व को पहले धूमधाम से मनाया जाता था। ऋषियों की भूमिका को लोग भूलते जा रहे हैं। उन्हें याद करने वाले आज भी ऋषिपंचमी का उत्सव मनाते हैं।
ऋषिपंचमी पर कश्यप ऋषि, अत्रि ऋषि, भारद्वाज ऋषि, विश्वामित्र ऋषि, गौतम ऋषि, जमदग्नि ऋषि, वशिष्ठ ऋषि की पूजा होती है।
हिन्दू अनेक देवताओं की पूजा करते हैं, लेकिन सभी देवताओं में सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा होती है। शुभारंभ करने को श्रीगणेश करना भी कहा जा सकता है। किसी भी देवता की पूजा से पहले गणेश जी की पूजा का नियम बना हुआ है, जिसे हिन्दू आदिकाल से…Read More..
भगवान गजानन की मूर्तियां जगत प्रसिद्ध हैं। नाना प्रकार से और नाना वस्तुओं से उनकी मूर्तियां बनाई जाती हैं। इनकी मूर्तियों के जितने विविध रूप मिलते हैं, उतने किसी…Read More…
वे बुद्धि, व्यावहारिकता, उदारता, सहजता की सहज प्रतिमूर्ति हैं, इसलिए उनकी सबसे पहले पूजा की जाती है। इनके पिता महादेव भी अत्यंत उदार देवता माने जाते हैं और पुत्र भी अत्यंत उदार और हंसमुख हैं। कथा है – प्रतियोगिता हुई थी कि पृथ्वी की…Read More…
देवता तो करोड़ों थे, लेकिन धरती पर इतनी फुरसत किस मनुष्य को है कि सबकी पूजा करे, इतने देवता हों, तो नाम लेने के लिए जीवन भी कम पड़ जाए। अत: ऋषियों ने तय किया कि…Read More…
हिन्दू धर्म में आलोचना के लिए पूरा स्थान है। तो यह सवाल कई बार उठता है कि महादेव क्या अपने पुत्र को पहचान नहीं पाए, उन्होंने एक बालक पर हाथ उठाया, सिर काट दिया, देवता को तो सबकुछ पता होता, लेकिन यह कैसे देव थे। महादेव पर तरह-तरह से सवाल उठते हैं।…Read More…
गणेश प्रतिमा में बस एक दांत दिखता है। गणेश जी को एकदंत भी कहा जाता है। दूसरा दांत कहां गया? इसकी भी दो कथाएं हैं। एक कथा यह है कि युद्ध में उनका एक दांत टूट गया था। दूसरी कथा यह है कि उन्होंने…Read More…
EID-UL-FITAR / ईद-अल -फितर
रथ यात्रा
जगन्नाथ-धाम हिन्दुओं के चारो पवित्र धाम में से एक जगन्नाथ पूरी में निकली प्रभु जगन्नाथ,बलभद्र,सुभद्रा रथ यात्रा |