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ईश्वर अल्लाह हिक आहे – agaadhworld http://agaadhworld.in Know the religion & rebuild the humanity Tue, 23 Apr 2024 05:03:00 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=4.9.8 http://agaadhworld.in/wp-content/uploads/2017/07/fevicon.png ईश्वर अल्लाह हिक आहे – agaadhworld http://agaadhworld.in 32 32 चैटीचंड महोत्सव / ChaitiChand Mahotsav http://agaadhworld.in/chaitichand-mahotsav/ http://agaadhworld.in/chaitichand-mahotsav/#respond Thu, 04 Apr 2019 19:15:47 +0000 http://agaadhworld.in/?p=3923 ईश्वर अल्लाह हिक आहे चैटीचंड महोत्सव ईश्वर और अल्लाह को आप जानते हैं और ‘हिक आहे’ सिंधी भाषा है, जिसका

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ईश्वर अल्लाह हिक आहे

चैटीचंड महोत्सव

ईश्वर और अल्लाह को आप जानते हैं और ‘हिक आहे’ सिंधी भाषा है, जिसका अर्थ है – एक है। हमारे संसार में दक्षिण एशिया या प्राचीन भारत वर्ष की विशाल भूमि एक विलक्षण भूमि है, जहां ऐसे अनेक अवतार, संत और फकीर हुए, जिन्होंने अपना जीवन यह सिद्ध करने में लगा दिया कि ईश्वर अल्लाह एक है। ऐसे ही अवतारों में एक अवतार हैं झूलेलाल। इन्हें देव या भगवान भी माना गया है। इन्हें अनेक नामों से जाना जाता है। इनके बचपन का नाम उडेरोलाल है। इन्हें जिंदा पीर भी कहते हैं। इन्हें लाल सांई भी कहते हैं। इन्हें ख्वाजा खिज्र जिन्दह पीर भी कहते हैं। इन्हें लाल शाहबाज कलंदर भी कहा जाता है। अलग-अलग मान्यताएं हैं, लेकिन इस बात पर पूरी सहमति है कि झूलेलाल ने समाज और विश्व की एकता के लिए प्रयास किया। शोषण के विरुद्ध संघर्षरत रहे और अपने चाहने वालों को भरपूर प्यार-आशीर्वाद दिया, जिसके कारण दुनिया में आज भी उन्हें याद किया जाता है, उनकी पूजा-इबादत की जाती है।


हिन्दू मान्यता के अनुसार झूलेलाल

पूरी सिंधी जाति सिंधू नदी के किनारे निवास करती थी। सिंध में मिरखशाह नाम का एक अत्याचारी शासक हुआ, जिसने सिंधियों पर अत्याचार की सारी हदें पार कर दीं। ऐसी मान्यता है कि जब अत्याचार बढ़ जाता है, जब मसीहा अवतार लेता है। सिंधियों ने ईश्वर से प्रार्थना की। प्रार्थना सुनी गई। सिंधू नदी से एक नर मछली पर बैठकर वरुण देव बाहर निकले और संदेश दिया कि 40 दिन बाद मैं आ रहा हूं।

40 दिन बाद झूलेलाल का जन्म हुआ और उन्होंने सिंधी समाज को मिरखशाह के अत्याचार से मुक्त कराया। जिस दिन इनका जन्म हुआ था, वह चैत माह था और तिथि द्वितीया थी। इस दिन को सिंधी समाज चैटीचंड के नाम से धूमधाम से मनाता है। इस साल 19 मार्च को पूरी दुनिया में झूलेलाल की जयंती मनाई जा रही है।


मुस्लिम मान्यता के अनुसार झूलेलाल

झूलेलाल अर्थात एक सूफी पीर – जिनका नाम था लाल शाहबाज कलंदर। इनका जीवनकाल 1177 से 1275 तक माना जाता है। ये महान सूफी फकीर 98 वर्ष तक जीवित रहे थे और इन्होंने पूरा जीवन भाईचारा बढ़ाने में लगा दिया, इन्हें हिन्दू और मुस्लिम समान रूप से मानते थे। पाकिस्तान के सिंध क्षेत्र के दादू जिले में एक स्थान है सेवन शरीफ – इसे सेवण शरीफ भी कहते हैं। यहां हजरत लाल शाहबाज कलंदर की दरगाह स्थित है। दरगाह में संगीत-नृत्य के साथ धमाल मचाने की परंपरा है।


भारत में देवता, पाकिस्तान में पीर

दुनिया में लगभग चार करोड़ सिंधी हैं, जिसमें से 3 करोड़ के आसपास पाकिस्तान में रहते हैं, भारत में करीब 40 लाख सिंधी हैं। पाकिस्तान में जो सिंधी हैं, वो मुस्लिम हैं। पाकिस्तान में हिन्दू सिंधियों की संख्या 8 प्रतिशत से भी कम है। बहरहाल, भारत में झूलेलाल देवता के रूप में स्वीकार्य हैं, वहीं पाकिस्तान में उन्हें जिंदा पीर के रूप में ज्यादा देखा जाता है। भारत में झूलेलाल के मंदिर बनाए जाते हैं, लेकिन पाकिस्तान में हजरत लाल शाहबाज कलंदर को ही झूलेलाल माना जाता है। पाकिस्तान में सिंधू नदी के किनारे उनकी याद में 40 दिन का मेला लगता है। पाकिस्तान में भी यह चर्चा होती है कि मिरखशाह हिन्दुओं को जबरन मुस्लिम बनाने में लगा था, तभी हिन्दुओं की प्रार्थना के बाद भगवान झूलेलाल का अवतार हुआ।


झूलेलाल से हम क्या सीखें ?

1 – ईश्वर अल्लाह हिक आहे अर्थात ईश्वर अल्लाह एक है।
2 – संसार में हर जगह खुशहाली रहे और कोई दुखी न रहे।
3 – उन्होंने कहा – सारा जग एक है, हम सब एक परिवार हैं।
4 – परस्पर ऊंच-नीच, भेदभाव को न मानो, कट्टर ना बनो।
5 – जल ही संपन्नताएं लाता है, तुम जल का महत्व समझो।
6 – मेहनत से कमाओ, किसी भी काम को कमतर न समझो।

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