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Dipawali – agaadhworld http://agaadhworld.in Know the religion & rebuild the humanity Tue, 23 Apr 2024 05:03:00 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=4.9.8 http://agaadhworld.in/wp-content/uploads/2017/07/fevicon.png Dipawali – agaadhworld http://agaadhworld.in 32 32 दीपावली http://agaadhworld.in/diwali/ Fri, 02 Nov 2018 19:20:21 +0000 http://agaadhworld.in/?p=2707 पांच दिवसीय दीपावली पर्व भारतीय संस्कृति में दीपावली अनेक तरह की पूजाओं, उत्सवों, धार्मिक-सामाजिक कृत्यों से भरपूर महोत्सव है। दीपावली

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पांच दिवसीय दीपावली पर्व

भारतीय संस्कृति में दीपावली अनेक तरह की पूजाओं, उत्सवों, धार्मिक-सामाजिक कृत्यों से भरपूर महोत्सव है। दीपावली के दो दिन पहले ही उत्सव शुरू हो जाते हैं और दीपावली के दो दिन बाद तक चलते हैं।
पांच दिवसीय मुख्य त्योहार इस प्रकार से हैं : –
धनतेरस, रूपचौदस, दीपोत्सव, गोवर्धन पूजा, भैयादूज


शोभा, समृद्धि और श्रद्धा का पर्व

ऐसा कहा जाता है कि भारतीय संस्कृति में होली गरीबों का पर्व है और दीपावली अमीरों का। दोनों ही भारत के बड़े पर्व हैं, लेकिन होली का धार्मिक महत्व कम है और दीपावली का धार्मिक महत्व बहुत ज्यादा है।
दीपावली के कई नाम हैं : – दीपावली, दिवाली, दीपालिका, सुखरात्रि, यक्षरात्रि, सुखसुप्तिका।


दीपावली का  पहला दिन

धनतेरस के दिन धन पूजा होती है। विक्रम संवत के कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस कहा जाता है। इस दिन भारतीय चिकित्सक धन्वन्तरि जयंती मनाते हैं। इस दिन घर द्वार  को स्वच्छ किया जाता है, ताकि ईश्वर प्रसन्न हों। इस दिन किसी भी प्रकार का धातु  खरीदकर घर लाने को शुभ माना जाता है।


 

दीपावली का दूसरा दिन

रूपचौदस या चतुर्दशी या भूतचतुर्दशी के दिन तैल स्नान, यम तर्पण, नरक के लिए दीपदान, उल्कादान, शिव पूजा, महारात्रि पूजा एवं केवल रात्रि में भोजन करना। इनमें से अब केवल तीन ही प्रचलित हैं-  तैल स्नान, नरक दीपदान और रात्रि दीपदान।


 

दीपावली का आज तीसरा दिन

यह मुख्य दिन है। इस दिन लक्ष्मी और गणेश की पूजा की जाती है, ताकि गरीबी दूर हो। दीपदान व हर जगह प्रकाश फैलाने का विशेष विधान है। व्यापारी इस दिन बही खातों की पूजा करते हैं। पुराने खाते बंद किए जाते हैं और नए खोले जाते हैं। इस दिन कुबेर की भी पूजा होती है।


दीपावली का चौथा दिन

इस दिन को प्रतिपदा भी कहते हैं। इस दिन बलि पूजा, दीपदान, गौ-बैल की पूजा, गोवर्धन की पूजा, मार्गपाली बांधना, नववस्त्र पहनना, द्युत जैसे कृत्य वर्णित हैं।
गोवर्धन पूजा को अन्नकूट भी कहा जाता है।


दीपावली का पांचवां दिन

दीपावली के समापन दिवस पर भैयादूज या भ्रातृद्वितीया या यमद्वितीया उत्सव मनाया जाता है। यह भाई बहन का विशेष त्योहार है। दूर रहने वाले भाई बहन भी इस दिन मिलते हैं एक दूसरे को याद करते हैं सम्मान देते हैं। बहन भाई को अपने यहाँ भोजन करवाती है, भाई बहन को उपहार देते हैं। कहा जाता है कि इस दिन यमुना ने अपने भाई यम को अपने यहाँ भोजन के लिए आमंत्रित किया था। भैयादूज का उत्सव भाई के लिए लाभकारी होता है।

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