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Judaism – agaadhworld http://agaadhworld.in Know the religion & rebuild the humanity Tue, 23 Apr 2024 05:03:00 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=4.9.8 http://agaadhworld.in/wp-content/uploads/2017/07/fevicon.png Judaism – agaadhworld http://agaadhworld.in 32 32 होली / Holi http://agaadhworld.in/holi/ http://agaadhworld.in/holi/#respond Tue, 19 Mar 2019 18:37:09 +0000 http://agaadhworld.in/?p=3908 आई रंगों की बहार  ये रंग क्या बोलते है? : रंग संदेश देते हैं कि वही जिंदगी हैं। रंग जीवन

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आई रंगों की बहार

 ये रंग क्या बोलते है? : रंग संदेश देते हैं कि वही जिंदगी हैं। रंग जीवन में उमंग की निशानी हैं। रंग जीवन में उत्सव का प्रतीक हैं। रंग जीवन में रस का प्रतीक हैं। रंग जीवन में खुशी का संकेत हैं। रंग प्रकृति का उपहार हैं। रंग ईश्वर के वरदान हैं। रंग सौंदर्य के संरक्षक हैं। रंग समृद्धि-संपन्नता के अवदान हैं। ऐसा माना जाता है कि जिसके पास जितने ज्यादा रंग है, वह उतना ही ज्यादा खुश या समृद्ध है। रंग हमें जिंदगी और प्रेम की ओर खींचकर लाते हैं। रंग हमें जवानी और रवानी की ओर खींचकर लाते हैं। रंगों का त्योहार तो होना ही चाहिए, इसलिए भारत में होली सदियों से मनाई जाती है। वैसे तो समाज में सुविधा को देखते हुए होली एक या दो दिन मनाई जाती है, लेकिन भारत में बसंत पंचमी से रंग पंचमी तक होली मनाने की परंपरा है। बसंत पंचमी या सरस्वती पूजा के साथ ही एक दूसरे को अबीर, गुलाल, रंग लगाने का क्रम शुरू हो जाता है और जो होली के बाद पडऩे वाली रंगपंचमी तक चलता है।
पहले भारत में होली इतनी लंबे समय तक मनाई जाती थी और होली के गीत गाने की भी परंपरा थी। ऐसे गीत जो सामाजिक मिलन-मस्ती का संदेश देते हैं। ऐसे गीत जो हास्य के सहारे सामाजिक संदेश देते हैं। ऐसे गीत जो सामाजिक भेदभाव को मिटाने की नसीहत देते हैं। ऐसे गीत, जिनमें ईश्वर को भी अपने आसपास मानकर संवाद किया जाता है। होली तरह-तरह के पकवान खाने-खिलाने का भी अवसर है।

क्या रंगों का भी कोई धर्म होता है?

हिन्दू – लाल, भगवा, सफेद
यहूदी – नीला
ईसाई – सफेद
इस्लाम – हरा
हिन्दू धर्म में लाल, भगवा या सफेद वस्त्र को शुभ माना जाता है। यहूदी नीले रंग को पसंद करते हैं। ईसाइयों में सफेद रंग ज्यादा शुभ है। इस्लाम में हरे को ज्यादा शुभ माना जाता है। वैसे ईसाई धर्म में अलग-अलग अवसर पर अलग-अलग रंग का महत्व है, लेकिन क्या वाकई धर्म से रंगों का कोई पुख्ता रिश्ता है? नहीं धर्मों ने अपनी सुविधा या प्रचार के हिसाब से रंगों का चयन किया है। एक दूसरे से अलग दिखने की होड़ में धर्म अपना एक रंग रखने की कोशिश करते हैं। इसे मानने में कोई हर्ज नहीं कि ईश्वर ने सारे रंग दिए हैं, उसे हर रंग प्रिय है, लेकिन रंगों का बंटवारा इंसानों ने किया है। वैसे यह भी सच है कि सभी धर्मों में सफेद रंग का अपना विशेष महत्व है। वास्तव में सफेद रंग ही अध्यात्म का अपना रंग है। एक ऐसा रंग, जिसमें सारे रंग छिपे होते हैं। दुनिया का हर धर्म सफेद को धार्मिक कार्य के लिए अनुकूल मानता है।

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hanukkah http://agaadhworld.in/hanukkah/ Mon, 11 Dec 2017 19:06:34 +0000 http://agaadhworld.in/?p=3343 हनुका : यहूदी संसार में 8 दिवसीय दिवाली  जैसे हिन्दुओं में दिवाली का त्यौहार पांच दिन तक चलता है, ठीक

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हनुका : यहूदी संसार में 8 दिवसीय दिवाली 
जैसे हिन्दुओं में दिवाली का त्यौहार पांच दिन तक चलता है, ठीक उसी तरह से यहूदियों की रोशनी का पर्व हनुका आठ दिन चलता है। दिवाली और हनुका, दोनों ही बहुत पुराने पर्व हैं। महान ईसा मसीह और पाक पैगंबर मोहम्मद के दुनिया में आगमन से पहले से ही यहूदियों के यहां रोशनी का त्योहार हनुका मनाया जाता रहा है। हनुका एक हीब्रू शब्द है, इसका अर्थ है अर्पण, समर्पण। ईसा पूर्व 164 में यहूदियों को ग्रीक राजाओं के अत्याचार से मुक्ति मिली थी और यहूदी संस्कृति व आध्यात्मिकता को विजय हासिल हुई थी, इस विजय की याद में ही हनुका मनाया जाता है। कथा है कि एक यहूदी मंदिर ग्रीक सैनिकों ने तोड़ दिया था, उस मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया। वह मंदिर संसार को अर्पित या समर्पित किया गया, इसी खुशी में हनुका त्योहार यहूदियों और ईसाइयों के बीच भी धूमधाम से मनाया जाता है।

तेल 1 दिन का, जला 8 दिन 

बताते हैं कि टूटे हुए यहूदी मंदिर को रौशन करने के लिए यहूदियों के पास मात्र एक दिन का तेल मौजूद था, लेकिन ईश्वर का चमत्कार जानिए कि वह तेल आठ दिन तक मंदिर को रौशन करता रहा। यह ईश्वर का संदेश था, जुल्म-अत्याचार के खिलाफ, श्रद्धा के पक्ष में यहूदियों में उत्साह संचार के लिए यह अवसर आज भी बहुत प्रेरित करता है।
इस दिन एक खास तरह का स्टैंड काम में लिया जाता है, इस मोमबत्ती स्टैंड पर 9 मोमबत्तियां एक साथ जलाई जा सकती हैं। रोज शाम को यहूदी अपने घर को रौशन करते हैं, स्कूलों में छुट्टी रहती है, नाना प्रकार के व्यंजन पकाए-खिलाए जाते हैं। आठ दिन तक यहूदी अपनों के बीच उपहार का आदान-प्रदान करते हैं, एक दूसरे को बधाई देते हैं। ईश्वर के प्रति आभार जताते हैं। आठ दिवसीय हनुका त्योहार दिसंबर महीने में मनाया जाता है, इस वर्ष यह आयोजन १२ दिसंबर की शाम से २० दिसंबर की शाम तक मनाया जाएगा।

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Rosh Hashanah / रोश हशनाह http://agaadhworld.in/rosh-hashanah/ Thu, 21 Sep 2017 05:39:27 +0000 http://agaadhworld.in/?p=2416 Rosh Hashanah – A New year festival Rosh Hashanah is New year festival in Jewish society. Two-day celebration begins on

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JUDAISM

Rosh Hashanah – A New year festival

Rosh Hashanah is New year festival in Jewish society. Two-day celebration begins on the first day of New year. Tishrei is the first month of the Jewish civil year.

According to Judaism, the fact that Rosh Hashanah is the beginning of the year is explained by it being the traditional anniversary of the creation of adam and eve – the first man and woman according to the Hebrew bible. It is considered as first action towards humanity.
Rosh hashanah is festival of humanity.
In the Jewish culture it is also start of the agricultural cycle or economic year.

Rosh Hashanah customs include sounding a special ancient sound instrument called Shofar.


रोश हशनाह – नव वर्ष त्योहार

यहूदी समाज में रोश हशनाह नया साल का त्यौहार है। नए साल के पहले दिन दो दिवसीय उत्सव शुरू होता है। तिशरेरी यहूदी नागरिक वर्ष का पहला महीना है।

यहूदी धर्म के अनुसार, यह तथ्य कि रोश हशनाह, वर्ष की शुरुआत है, इसे एडम और इव के निर्माण की परंपरागत वर्षगांठ के रूप में माना गया है – हिब्रू बाइबिल के अनुसार इसे पहले पुरुष और पहली महिला द्वारा यह मानवता की दिशा में पहली कार्रवाई के रूप में माना जाता है।
रोश हशनाह मानवता का त्योहार है। यहूदी संस्कृति में यह नव कृषि चक्र या आर्थिक वर्ष की शुरुआत भी है।
यहूदी कैलेंडर भी चांद पर आधारित होता है। चांद दिखने से ही नए महीने की गणना शुरू होती है।

रोश हशनाह के रीति-रिवाजों में शाफर नामक एक विशेष प्राचीन ध्वनि यंत्र बजाना शामिल है। शाफर का निर्माण मेष या भेड़ा के सिंग से होता है। यह वाद्य यंत्र यहूदियों में नव वर्ष अवकाश का प्रतीक भी है।
यह बेहद खुशी का अवसर होता है। यहूदी समाज में कई तरह के व्यंजन- विशेष रूप से मीठे व्यंजन इस अवसर पर बनाए जाते हैं।
विशेष रूप से शहद में डूबे एप्पल खाने का रिवाज है।

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