हनुका : यहूदी संसार में 8 दिवसीय दिवाली 

जैसे हिन्दुओं में दिवाली का त्यौहार पांच दिन तक चलता है, ठीक उसी तरह से यहूदियों की रोशनी का पर्व हनुका आठ दिन चलता है। दिवाली और हनुका, दोनों ही बहुत पुराने पर्व हैं। महान ईसा मसीह और पाक पैगंबर मोहम्मद के दुनिया में आगमन से पहले से ही यहूदियों के यहां रोशनी का त्योहार हनुका मनाया जाता रहा है। हनुका एक हीब्रू शब्द है, इसका अर्थ है अर्पण, समर्पण। ईसा पूर्व 164 में यहूदियों को ग्रीक राजाओं के अत्याचार से मुक्ति मिली थी और यहूदी संस्कृति व आध्यात्मिकता को विजय हासिल हुई थी, इस विजय की याद में ही हनुका मनाया जाता है। कथा है कि एक यहूदी मंदिर ग्रीक सैनिकों ने तोड़ दिया था, उस मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया। वह मंदिर संसार को अर्पित या समर्पित किया गया, इसी खुशी में हनुका त्योहार यहूदियों और ईसाइयों के बीच भी धूमधाम से मनाया जाता है।

तेल 1 दिन का, जला 8 दिन 

बताते हैं कि टूटे हुए यहूदी मंदिर को रौशन करने के लिए यहूदियों के पास मात्र एक दिन का तेल मौजूद था, लेकिन ईश्वर का चमत्कार जानिए कि वह तेल आठ दिन तक मंदिर को रौशन करता रहा। यह ईश्वर का संदेश था, जुल्म-अत्याचार के खिलाफ, श्रद्धा के पक्ष में यहूदियों में उत्साह संचार के लिए यह अवसर आज भी बहुत प्रेरित करता है।
इस दिन एक खास तरह का स्टैंड काम में लिया जाता है, इस मोमबत्ती स्टैंड पर 9 मोमबत्तियां एक साथ जलाई जा सकती हैं। रोज शाम को यहूदी अपने घर को रौशन करते हैं, स्कूलों में छुट्टी रहती है, नाना प्रकार के व्यंजन पकाए-खिलाए जाते हैं। आठ दिन तक यहूदी अपनों के बीच उपहार का आदान-प्रदान करते हैं, एक दूसरे को बधाई देते हैं। ईश्वर के प्रति आभार जताते हैं। आठ दिवसीय हनुका त्योहार दिसंबर महीने में मनाया जाता है, इस वर्ष यह आयोजन १२ दिसंबर की शाम से २० दिसंबर की शाम तक मनाया जाएगा।