The post गणेश जी की मूर्तियां सबसे ज्यादा क्यों? appeared first on agaadhworld.
]]>भगवान गजानन की मूर्तियां जगत प्रसिद्ध हैं। नाना प्रकार से और नाना वस्तुओं से उनकी मूर्तियां बनाई जाती हैं। इनकी मूर्तियों के जितने विविध रूप मिलते हैं, उतने किसी के भी नहीं मिलते। माता पार्वती ने इन्हें उबटन के सहारे अपने हाथों से ही बनाया था। वे अत्यंत उदार हैं, जल्दी प्रसन्न होते हैं, वे अपने भक्तों को अभिव्यक्ति, सृजन या निर्माण की पूरी स्वतंत्रता देते हैं, इसलिए नाना प्रकार से उनकी प्रतिमाओं का निर्माण संभव होता है।
The post गणेश जी की मूर्तियां सबसे ज्यादा क्यों? appeared first on agaadhworld.
]]>The post गणेश पूजा appeared first on agaadhworld.
]]>हिन्दू अनेक देवताओं की पूजा करते हैं, लेकिन सभी देवताओं में सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा होती है। शुभारंभ करने को श्रीगणेश करना भी कहा जा सकता है। किसी भी देवता की पूजा से पहले गणेश जी की पूजा का नियम बना हुआ है, जिसे हिन्दू आदिकाल से मानते आ रहे हैं। देवी माता पार्वती ने हल्दी चंदन के उबटन से गणेश जी का सृजन किया था। एक दिन जब वे स्नान के लिए जा रही थीं, तब उन्हें एक द्वार रक्षक की आवश्यकता महसूस हुई, तो उन्होंने गणेश को गढ़ा और आदेश दिया कि द्वार की रक्षा करो, किसी को अंदर न आने देना।
देवी पार्वती के पति महादेव शंकर वहां पहुंच गए। माता के आदेश के अनुसार गणेश जी ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया। बात बढ़ गई, युद्ध की स्थिति बन गई। महादेव ने क्रोध में बाल गणेश का सिर काट दिया। पार्वती को जब पता चला तो बहुत शोक की स्थिति बन गई। मांग हुई कि गणेश जी को पुन: जीवित किया जाए। महादेव भी चिंतित हुए। उपाय सोचा। गणेश जी का मनुष्य सिर फिर उपयोग लायक नहीं था, अत: गज या हाथी के बच्चे का सिर गणेश जी के धड़ के साथ जोडक़र उन्हें पुन: जीवित कर दिया। संसार को एक अद्भुत देव की प्राप्ति हुई, जिसका मुख हाथी का और शरीर मनुष्य का है। उन्हें गुणों के साथ-साथ साधनों का भी देवता माना जाता है। बुद्धि, शक्ति, संपन्नता के लिए में उनकी पूजा होती है।
The post गणेश पूजा appeared first on agaadhworld.
]]>