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सबसे पूज्य पिता का प्रथम पूज्य पुत्र - agaadhworld

 सबसे पूज्य पिता का प्रथम पूज्य पुत्र

देवता तो करोड़ों थे, लेकिन धरती पर इतनी फुरसत किस मनुष्य को है कि सबकी पूजा करे, इतने देवता हों, तो नाम लेने के लिए जीवन भी कम पड़ जाए। अत: ऋषियों ने तय किया कि कोई एक ऐसा सहज देव चुना जाए, जिसकी पूजा पृथ्वी पर हो। भृगु मुनि को देवताओं में श्रेष्ठ का चयन करने की जिम्मेदारी दी गई। भृगु ने तमाम परिक्षण और चिंतन के बाद महादेव को ही धरती पर पूजनीय घोषित किया। सर्वाधिक मंदिर आज भी महादेव के ही हैं। प्राचीन काल में केवल उनके ही मंदिर होते थे।

ऋषियों की दृष्टि में पिता धरती पर अकेले नित्य पूजनीय देवता हैं और उन्होंने ही अपने अद्भुत सेवाभावी पुत्र को प्रथम पूज्य देव घोषित किया है।


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