आई रंगों की बहार

 ये रंग क्या बोलते है? : रंग संदेश देते हैं कि वही जिंदगी हैं। रंग जीवन में उमंग की निशानी हैं। रंग जीवन में उत्सव का प्रतीक हैं। रंग जीवन में रस का प्रतीक हैं। रंग जीवन में खुशी का संकेत हैं। रंग प्रकृति का उपहार हैं। रंग ईश्वर के वरदान हैं। रंग सौंदर्य के संरक्षक हैं। रंग समृद्धि-संपन्नता के अवदान हैं। ऐसा माना जाता है कि जिसके पास जितने ज्यादा रंग है, वह उतना ही ज्यादा खुश या समृद्ध है। रंग हमें जिंदगी और प्रेम की ओर खींचकर लाते हैं। रंग हमें जवानी और रवानी की ओर खींचकर लाते हैं। रंगों का त्योहार तो होना ही चाहिए, इसलिए भारत में होली सदियों से मनाई जाती है। वैसे तो समाज में सुविधा को देखते हुए होली एक या दो दिन मनाई जाती है, लेकिन भारत में बसंत पंचमी से रंग पंचमी तक होली मनाने की परंपरा है। बसंत पंचमी या सरस्वती पूजा के साथ ही एक दूसरे को अबीर, गुलाल, रंग लगाने का क्रम शुरू हो जाता है और जो होली के बाद पडऩे वाली रंगपंचमी तक चलता है।
पहले भारत में होली इतनी लंबे समय तक मनाई जाती थी और होली के गीत गाने की भी परंपरा थी। ऐसे गीत जो सामाजिक मिलन-मस्ती का संदेश देते हैं। ऐसे गीत जो हास्य के सहारे सामाजिक संदेश देते हैं। ऐसे गीत जो सामाजिक भेदभाव को मिटाने की नसीहत देते हैं। ऐसे गीत, जिनमें ईश्वर को भी अपने आसपास मानकर संवाद किया जाता है। होली तरह-तरह के पकवान खाने-खिलाने का भी अवसर है।

क्या रंगों का भी कोई धर्म होता है?

हिन्दू – लाल, भगवा, सफेद
यहूदी – नीला
ईसाई – सफेद
इस्लाम – हरा
हिन्दू धर्म में लाल, भगवा या सफेद वस्त्र को शुभ माना जाता है। यहूदी नीले रंग को पसंद करते हैं। ईसाइयों में सफेद रंग ज्यादा शुभ है। इस्लाम में हरे को ज्यादा शुभ माना जाता है। वैसे ईसाई धर्म में अलग-अलग अवसर पर अलग-अलग रंग का महत्व है, लेकिन क्या वाकई धर्म से रंगों का कोई पुख्ता रिश्ता है? नहीं धर्मों ने अपनी सुविधा या प्रचार के हिसाब से रंगों का चयन किया है। एक दूसरे से अलग दिखने की होड़ में धर्म अपना एक रंग रखने की कोशिश करते हैं। इसे मानने में कोई हर्ज नहीं कि ईश्वर ने सारे रंग दिए हैं, उसे हर रंग प्रिय है, लेकिन रंगों का बंटवारा इंसानों ने किया है। वैसे यह भी सच है कि सभी धर्मों में सफेद रंग का अपना विशेष महत्व है। वास्तव में सफेद रंग ही अध्यात्म का अपना रंग है। एक ऐसा रंग, जिसमें सारे रंग छिपे होते हैं। दुनिया का हर धर्म सफेद को धार्मिक कार्य के लिए अनुकूल मानता है।

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