Ridwan Mahotsav
रिदवान महोत्सव
बहाई पंथ का सबसे शानदार त्योहार
बहाई पंथ में रिदवान महोत्सव सबसे महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है। यह पूरा त्योहार 12 दिवसीय है। बहाई पंथ की मजबूत आधारशिला रखने वाले बहाउल्लाह को जब बगदाद से निष्कासित किया गया। तब ईस्वी सन 1863 में वे बगदाद के बाहर बने एक बगीचे में 12 दिनों के लिए आकर ठहरे। उन्हें पहले तेहरान से बगदाद निष्कासित किया गया था और बगदाद से इस्तानबुल भेजा जा रहा था। जब वे इस बाग में आए, तब इस महोत्सव की शुरुआत हुई और महोत्सव का समापन 12वें दिन हुआ, और वे बाग से चले गए। इस बाग को रिदवान बाग भी कहा जाता है।
बहाउल्लाह ने कहा – मैं देवदूत हूं
बहाई पंथ के मूल विचारक-प्रवर्तक महान बॉब ने देवदूत के आने की घोषणा पहले ही कर दी थी। बॉब को भी तत्कालीन सत्ता ने स्वीकार नहीं किया और बहाउल्लाह जब सामने आए, तब उन्हें भी सत्ता के हाथों अन्याय झेलना पड़ा। मान्यता है कि बहाउल्लाह को देवदूत होने का अहसास पहले ही हो गया था, करीब एक वर्ष तक अब्दुल बहा सहित कुछ प्रिय शिष्यों को ही उन्होंने यह सूचना दी और गोपनीयता बरतने के लिए कहा। जब वर्ष 1863 में वे रिदवान बाग में 12 दिन रहे, तब उन्होंने खुलकर अपने देवदूत होने की घोषणा कर दी। इसी खुशी में उनके शिष्यों और समर्थकों ने रिदवान महोत्सव की शुरुआत की।