Mubarak_Ramadan

मुबारक रमज़ान

जब शुरू हुआ .कुरआन का अवतरण

रमज़ान वह मुबारक महीना है, जब पवित्र .कुरआन का अवतरण शुरू हुआ था। हिजरी कलेंडर में बारह महीने होते हैं, उनमें से नौवां महीना रमज़ान है। यह माना जाता है कि ईस्वी सन 610 के अगस्त महीने में .कुरआन का अवतरण संभवत: रमज़ान महीने की 27वीं तारीख को शुरू हुआ था। .कुरआन में लिखा गया है – ‘रमज़ान का महीना जिसमें या जिसकी शान में कुरआन उतारा गया।’ हर मुसलमान के लिए रमज़ान सबसे मुबारक समय है, इस महीने में की गई दुआ, इबादत बहुत रंग लाती है। रमज़ान के महीने में रोजा रखा जाता है – रोजा अर्थात उपवास। रमज़ान के मुबारक महीने में अगर उसकी हिदायतों और कायदों का पूरा पालन किया जाए, तो पूरी जिंदगी बदल जाती है। यह एक ऐसा महीना है, जब मुसलमानों की पवित्रता, सामाजिकता, एकता और समता का भाव स्पष्ट रूप से उभर कर सामने आता है।


रमज़ान में ये जरूर करना चाहिए

1 – रमज़ान में रोजे या उपवास रखना आवश्यक है। पूरे दिन में केवल दो बार अल्प-आहार लेने की हिदायत है और उपवास के समय पानी भी पीने की मनाही है।
2 – यह बुराई से तौबा करने का महीना है। रमज़ान का फल पाने के लिए अपने आचरण को नेक रखना बहुत जरूरी है। अपने आप को साफ रखना, अनुशासित रखना जरूरी है।
3 – पवित्र .कुरआन के विशेष पाठ जरूरी हैं। रमज़ान में नमाज पूरी होनी चाहिए। रात के समय तरावीह की नमाज पढऩे की परंपरा है। अल्लाह का शुक्रिया अदा करना जरूरी है।
4 – जकात या दान देना जरूरी है। हर कोई अपनी क्षमता के हिसाब से दान देता है। अमीरों को ज्यादा दान देने के लिए कहा गया है, ताकि गरीब के लिए भी यह महीना मुबारक हो जाए।
5 – रमज़ान के महीने में मौन रहने का अपना विशेष फल होता है। व्यक्ति रोजे के दौरान मौन रहे और मन ही मन में अल्लाह को याद करता रहे, अच्छी बातें सोचता रहे।

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