Bahai New Year

बहाई नव वर्ष 175 की शुरुआत 

दुनिया के सबसे नए धर्म में से एक बहाई धर्म में एक अलग ही कलेंडर को मान्यता मिली हुई है। इस कलेंडर की शुरुआत बहाई मत के मूल प्रवर्तक महान बाब ने की थी। इस कलेंडर को महान बहाउल्लाह और महान अब्दुल बहा ने आगे बढ़ाया। बहाई कलेंडर में 19 महीने होते हैं और हर महीने में 19 दिन होते हैं। इसके अतिरिक्त 4 या 5 दिन अलग से जुड़ते हैं, ताकि सूर्य वर्ष से तालमेल बिठाया जा सके।
बहाई वर्ष के प्रथम दिन को नव-रोज कहते हैं। नया दिन यानि नए दौर की शुरुआत। इस दिन को ईश्वर का अपना दिन माना जाता है। नव-रोज पूरे परिशयन संसार में मनाया जाता है। इस वर्ष की शुरुआत ईरान की जमीन पर हुई थी। नव वर्ष के मौके पर प्रार्थना, नृत्य, संगीत और भोज का विशेष अवसर होता है।
बहाई कलेंडर को बडी कलेंडर भी कहा जाता है। इसकी शुरुआत ग्रेगोरियन कैलेंडर के वर्ष 1844 में हुई थी। 21 मार्च को बहाई कैलेंडर का 175वां वर्ष शुरू हुआ है।

बहाई कैलेंडर के महीनों के नाम

1 – बहा, 2 – जलाल, 3 – जमाल, 4 – अजमत, 5- नूर, 6- रहमत, 7- कलीमत, 8- कमल, 9- अस्मा, 10- इज्जत,  11- मसिय्यत, 12- इल्म, 13- कुदरत, 14-कौल, 15- मसाइल, 16- शराफ,  17- सुल्तान, 18- मुल्क-अय्यम, 19- अला

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