राधाष्टमी – राधा जी की जयंती
क्या राधा का प्यार हार गया?
प्रेम कभी हार नहीं मानता, जैसे राधा की हार नहीं हुई। उनके नाम से आज भी संप्रदाय चल रहे हैं। कृष्ण जन्मभूमि मथुरा और बालस्थली ब्रज के आसपास बड़ा क्षेत्र है, जहां लोग राधे-राधे बोलकर ही एक दूसरे का अभिवादन करते हैं। यहां कृष्ण से पहले राधा का नाम लिया जाता है। उनके प्रेम को कोई भी विफल नहीं मानता, बल्कि उनके ही प्रेम को सभी वास्तविक प्रेम मानते हैं। राधाअष्टमी पर ब्रज व मथुरा के आसपास चहल-पहल रहती है, मेले सजते हैं।